15-03-14  ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

जीवन के हर दिन होली (पवित्र) बन पवित्रता के वायब्रेशन चारों ओर फैलाना, बीती को बीती कर सफलता के वरदान को स्वरुप में लाना

सर्व होली बच्चों को होली की मुबारक हो। आप एक-एक होली बच्चा आज बापदादा के साथ होली मनाने आये हैं तो बापदादा भी सर्व होली बच्चों को होली की मुबारक दे रहे हैं। एक-एक बच्चा कितना प्यारा है यह बाप और बच्चे जानते हैं। होलिएस्ट बाप हर बच्चे को अति स्नेह से होली की मुबारक दे रहे हैं। सर्व बच्चे होलिएस्ट बाप के होली बच्चे हैं। आज के दिन हर एक बच्चा अपने होली बनने की, होली बनाने की स्थिति को जानते हैं। बाप भी एक-एक बच्चे को कहाँ तक मन्सा - वाचा- कर्मणा, सम्बन्ध-सम्पर्क में होली बने हो, पवित्र बने हो, वह बाप भी जानते आप भी जानते हो क्योंकि बापदादा को होलिएस्ट बच्चे बहुत प्यारे हैं। तो आज हर एक बच्चा होलिएस्ट बनने की मुबारक स्वीकार करे। हर होली बच्चा नम्बरवार है लेकिन बापदादा के प्यार का अधिकारी है। तो बापदादा चारों ओर के बच्चों को चाहे देश चाहे विदेश एक-एक बच्चे को बहुत दिल व जान, सिक व प्रेम से होली बनने की मुबारक दे रहे हैं। मुबारक हो, मुबारक हो।

यह भी दिन बनाये भक्ति वालो ने हैं लेकिन हर दिन को महत्व दिया है। मनाते आप भी हो, भक्त भी हैं, साधारण बच्चे भी हैं लेकिन हर बच्चे अपने-अपने रूप से मनाते आते हैं। बच्चे तो अमृतवेले से लेके बाप को मुबारक हो, मुबारक हो की लाइन्स लगा देते हैं। चारों ओर से चाहे देश से, चाहे विदेश से, चाहे गाँव से, हर बच्चा दिल से बाप को और आप सबको बहुत-बहुत मुबारक देते हैं और बापदादा बच्चों को मुबारक का रेसपान्ड बहुत-बहुत स्नेह से देते हैं।

आज अमृतवेले चारों ओर से होली मुबारक, होली मुबारक के बच्चों के दिल के गीत बाप ने सुने हैं। बाप भी अभी सम्मुख आप एक-एक बच्चे को कितने भी हैं, एकदम लास्ट बच्चे को भी मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो, दे रहे हैं। सबके चेहरे इस समय बाप के स्नेह में लगन में मगन दिखाई दे रहे हैं। बापदादा चारों ओर के बच्चों को नयनो की दृष्टि देते हुए यही मिलन मना रहे हैं बच्चे सदा हर दिन इसी मिलन के खुशी और मौज में आगे बढते चलो। जैसे दिन का नाम हैं होली, ऐसे जीवन के हर दिन होली बन अर्थात् पवित्र बन पवित्रता के वायबेशन चारों ओर फैलाते रहो।

बापदादा एक बात पर खुश हैं, क्या देखा? कि हर बच्चा बापदादा को मुबारक दे रहे हैं और भिन्न-भिन्न स्थान की मुबारकें, मुबारकों की झोली भर गई। यह मुबारक सदा याद रहे, होली मुबारक हैं। आज बापदादा ने चारों ओर के बच्चों को अमृतवेले से लेके दिल से मुबारकें दी। हर बच्चा हर सब्जेक्ट में आगे बढ़ते चलो, बापदादा हर बच्चे के साथी हैं। अभी आज के दिन बापदादा भी आये हुए सम्मुख एक-एक बच्चे को दिल की दुआओं के साथ मुबारक दे रहे हैं। मुबारक हो, मुबारक हो। होली, जो सेकण्ड बीता वह सेकण्ड के लिए क्या कहेंगे? होली, हो लिया। हर एक बच्चा अमृतवेले से लेके अपने-अपने समय प्रमाण मुबारको के गीत, दिल के गीत, मुख से गाते नही लेकिन दिल में मुबारकों के गीत बापदादा के कानो में सुनाई दिये। तो बापदादा भी एक-एक बच्चे को सम्मुख मुबारक का रेसपान्ड दे रहे हैं, हर बच्चे को दिल की दुआओं के साथ, दिल के प्यार के साथ मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो।

आज के दिन से रोज अमृतवेले अपने पुरुषार्थ प्रमाण बाप की दुआयें स्वीकार करना। बाप की दुआयें क्या हैं? बापदादा हर बच्चे को तीव्र पुरुषार्थी स्वरूप में देखने चाहते हैं। कोई भी बाते आये, बातो का काम हैं आना लेकिन आप बच्चों का काम हैं बाप के दिल की दुआयें लेना। रोज अमृतवेले अपने को बाप की दुआयें स्वीकार करना। सारा दिन ऐसे अनुभव करो कि बापदादा हमारे रक्षक बन साथ में हैं और बाप के साथ का अर्थ क्या है? बाप जो कहे, अमृतवेले जो मुरली सुनते हो उसमें याद प्यार के साथ दुआयें हैं ही। तो रोज दुआयें लेते उडते चलो और उडाते चलो। तो होली मनाना अर्थात् बीती को और वर्तमान को सदा सफलता स्वरूप बनाना हैं। सफलता स्वरूप हैं, सफलता हमारे जन्म का वरदान है। उस स्मृति से दिन को बार-बार याद करो, बापदादा का वरदान है - सफलता हर बच्चे के साथ है क्योंकि बापदादा साथ है तो सफलता सदा एक-एक बच्चे के साथ है, सिर्फ उसको प्रैक्टिकल में लाना है। है ही सफलता स्वरूप। स्वरूप ही सफलता हैं। तो आज के दिन यही वरदान स्मृति में रखना कि सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। यह स्मृति असफलता की बात को भी सफल बना देगी। तो आज के दिन को सदा सफलता स्वरूप हूँ, यह आज के दिन का बापदादा का वरदान सफलता मेंरा जन्म सिद्ध अधिकार है, यह सदा स्मृति में रखना।

तो आज होली अर्थात् बीती सो बीती। होली अर्थात् बीती। तो जो भी कुछ किया उसको आज बीती सो बीती कर आगे के लिए सफलता मेंरा जन्म अधिकार है, अमृतवेले रोज इस वरदान को स्मृति में रख सारा दिन चेक करना और सफलता स्वरूप बनना। अभी तो बहुत नॉलेजफुल बने हो, दुनिया को पैगाम देते हो और बापदादा भी हर बच्चे को यह वरदान देते हैं कि सफलता आपका जन्म का अधिकार है। तो अमृतवेले का सफलता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, इसको रोज स्मृति में रखना और प्रैक्टिकल में अगर कोई भी बात आवे तो सफलता के वरदान को याद करना और प्रैक्टिकल में लाना।

आज के होली के दिन का विशेष वरदान है

बाप समान, ब्रह्मा बाप समान सम्पन्न बनना ही है। फालो फादर। क्योंकि ब्रह्मा बाप साकार रूप में थे, अभी भी मददगार हैं इसलिए फालो ब्रह्मा बाप। सफलता मेरा जन्म अधिकार हैं। अधिकारी हो ना! अधिकारी हो? हाथ उठाओ। तो जहाँ सफलता अधिकार है वहाँ माया की क्या बडी बात है! माया के खेल देखते रहो, माया का काम है आना आपका काम क्या है? विजय प्राप्त करना। यह सदा याद रहे, सफलता के विजयी रत्न हूँ। हो सकता है ना! हो सकता है? सफलता के अधिकारी हैं ना! अच्छा।

आज की बहुत-बहुत-बहुत मुबारक हो। सब ठीक हैं। हाथ उठाओ। ऐसे ऐसे उठाओ। बहुत अच्छा लग रहा हैं। बापदादा भी बहुत-बहुत मुबारकों का टोकरा भरके दे रहे हैं। कुछ भी हो, याद रखना बाप की सौगात छोडना नहीं। अच्छा।

चारों ओर के देश विदेश के बच्चों को आज के दिन की मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो।

सेवा का टर्न दिल्ली और आगरा का है:- (इस टर्न में टोटल 25 हजार आये है, 14 हजार दिल्ली आगरा के हैं) बहुत अच्छा। देहली को यही वरदान है, ड़ामानुसार कि हमारे राज्य में भी दिल्ली विशेष स्थान रहेगा। जहाँ लक्ष्मी नारायण का राज्य होगा। फोरेन वाले क्या सोच रहे हैं? फोरेन वाले यह सोच रहे हैं कि हम भी दिल्ली के होंगे। कहाँ भी हो लेकिन दिल्ली तो मुख्य रहेगा तो आना जाना तो होगा ना। फंक्शन में तो आयेंगे ना! मिलते रहेंगे। डांस करते रहेगें। मजे से राज्य करते रहेगें। अभी संगमयुग का साथ वहाँ भी रहेगा। जितने नजदीक अवस्था अनुसार अभी होंगे उतना ही वहाँ भी परिवार के नजदीक होंगे। फोरेन वाले कहाँ आयेंगे? दिल्ली में आयें। सब मिल करके बहुत अच्छा राज्य करेंगे। अच्छा।

डबल विदेशी:- डबल विदेशियों ने तो आधा हाल भर दिया है। अच्छा है। अभी भारत वालों जैसा विदेशी भी हर देश से आते अपना लाभ उठाते हैं। अच्छा है। भले आये, और जाके औरों को भी साथ लायेंगे। अच्छा।

अच्छा - एक-एक बच्चे को बापदादा दिल का प्यार देते हुए गुडनाइट कर रहे हैं। अच्छा है, डबल फारेनर्स ने उन्नति अच्छी की हैं। पुरुषार्थ में भी कहाँ-कहॉ बहुत अच्छे अटेन्सन में हैं, बापदादा उन बच्चों को खास एक-एक को याद और प्यार दे रहे हैं।

दादियां - सभी अच्छा सम्भाल रहे हैं। निमित्त बनके कार्य कर रहे हैं, अच्छा कर रहे हैं, करते रहेंगे।

मोहिनी वहन:- एक-एक को वरदान है। वरदान चला रहा है और पहुच जायेंगे साथ में। राज्य करेंगे ना साथ में। आज सब तरफ की दादिया आई हैं।

रूकमणि दादी:- अभी भले नही देखती हो लेकिन बुद्धि सालिम हैं इसीलिए अभी भी जो कुछ चलता है वह जानती भी हो, चलती भी हो, चलाती भी हो। ठीक है। मुबारक हो। अच्छा।

तीनों बड़े भाईयों से:- त्रिमूर्ति सारे यज्ञ का ध्यान रखते हैं। यह त्रिमूर्ति यज्ञ की रेख-देख करने के निमित्त बने हुए हैं और साथी भी हैं, यह भी हैं। साथी भी बहुत अच्छे हैं। जैसे चला रहे हो वह भी ठीक है और एक दो के नजदीक आओ।

संस्कार में नजदीक आओ। वैसे नजदीक हो लेकिन संस्कार मिलाने में यह भी ध्यान रखो। ऐसे लगे तीन नही हैं लेकिन एक हैं। साथी तो और भी बहुत अच्छे हैं। बापदादा के पास कोई रिपोर्ट नही हैं, अच्छे हैं लेकिन और भी अच्छा बनाना है। यज्ञ की कारोबार एकदम अच्छी चल रही है, कोई बात नही हैं, अटेन्सन दे रहे हैं और आगे भी देते रहेंगे। हर एक ने जो ड्यूटी ली है, वह अच्छी सम्भाल रहे हैं। बापदादा खुश है।

हरिद्वार में सन्त सम्मेलन होने वाला हैं, आपकी कोई प्रेरणा हो:- कभी भी ऐसे धार्मिक स्थान पर जाते हैं तो उन्हों के प्रति शुभ भावना रख उनकी महिमा भी करनी चाहिए, जो वह समझें यह हमारे को रिगार्ड देते हैं। अच्छा है।

रमेंश भाई ने बहुतों की याद दी:- सभी को कहना बापदादा ने याद दिया है।

गुजरात में सरला दीदी का अमृत महोत्सव सभी ने खूब धूमधाम से मनाया है:- अच्छा है। जन्म से ही वरदानी रही हो। अभी वरदान तो आपके गले का हार हो गये हैं इसलिए जैसे निमित्त बनके चल रहे हैं वैसे और भी आगे बढाते जाओ, बढ़ाते जाओ, बढ़ाते जाओ। अच्छा।

अमर बहन:- यह भी अच्छा साथ दे रही है। अच्छा है, दोनो ही अच्छे हैं।

अच्छा - एक-एक को बापदादा याद प्यार विशेष दे रहे हैं। स्टेज पर आयेंगे तो घमसान हो जायेगा लेकिन बापदादा दूर से ही एक-एक को दृष्टि और प्यार दे रहा है।

(बाबा अगली सीजन में आयेंगे ना)

संगमयुग है साथ रहने का, साथ चलने का, साथ राज्य करने का। बाप चाहे साकार में साथ नहीं रहेगें (शिवबाबा सतयुगी राज्य में साथ नहीं रहेगे) लेकिन साथ में आपके राज्य की प्रेरणायें देते रहेगें। (रथ को भी ठीक रखना) रथ को ठीक रखेंगे। अच्छा।

रुकमणी बहन ने दीदी निर्मलशान्ता जी की याद दी, आज दीदी का पुण्यस्मृति दिवस है:- जहाँ भी है, बच्ची खुश है आप भी खुश रहो। (बाबा पटना सेवा पर जा रही हूँ) अच्छा है आगे बढती रहो।

"द फ्यूचर आफ पावर के प्रोग्राम भारत के 35 शहरो में हुए हैं, इस उपलक्ष्य में बहुत सुन्दर केक बनाया है, जिसे बापदादा और वरिष्ठ दादियां वा भाईयों ने काटा।"